Thursday 30 October, 2008
WHO KILLED OSHO'...? WHAT ONE CAN...
OSHO NOW...
OSHO FLOWERS...
फूल खिलते हैं... दुनिया में मगर... मुश्किल से...
ओशो ऑन दादू...
बुद्ध को समझने के लिए स्वयं के बुद्धत्व में उतरना जरूरी है...
REWIND & REVIEW YOUR ACTIONS...
WHO IS IN...? ARE YOU...
जो चैतन्य को बढाते हैं... ओशो
TRANSCEND LOVE TO BE IN BUDDHAS...
BE BRIGHT IN THE LIGHT OF BUDDHAS...
Monday 27 October, 2008
THOSE WHO LISTEN CALL OF OSHO...
सागर जैसे सरिता को बुलाता है
ऐसे ही मैंने तुम्हे पुकारा है
यही पुकार तुम्हारे प्राणों में गूंजी है
और गूँज सकी
क्योंकि वंहा सदा सदा से
उसकी प्रतीक्षा थी - प्यास थी
अब देर न करो
ऐसे भी बहुत देर हो चुकी है
ध्यान में उतरो
क्योंकि वहीँ और केवल वहीँ
मुझसे मिलन हो सकता है
और मुझसे ही नही
सबसे भी
और सबसे ही नही
स्वयं से भी
ओशो
Monday 20 October, 2008
प्रेम से मनुष्य जिन्दा रहता है...
सत्य की आकांशा से ही मनुष्य जन्मता है...
कुछ नही पन है मेरा संदेश...
प्रार्थना है ब्रह्माण्ड से प्रेम...
ये हैं बुद्ध पुरूष ओशो
जो मनुष्य
सत्य में जीने का साहस...
ज्ञान... कला... धर्म... दिखाते हैं
एक को पाने के लिए एक ही काफी है... ओशो
ये हैं बुद्ध पुरूष ओशो
ये हैं बुद्ध पुरूष - ओशो - सुने... देखें... नाचे...
Sunday 19 October, 2008
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